Bishwa Nath Singh
The cow is our mother who keeps us hale and hearty. All Gods and Goddesses could be seen residing in the cow as she is so pious and sacred. It is the right occasion for all of us to rise and press the Union Govt. and all State Govts. of our country to bring an ordinance to ensure full proof protection of the cows as whole and stop slaughtering of cows hence forth by closing down all butcher houses in the country.
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गाय की गुहार
भटक रही गली-गली, पोलीथिन खाती-खाती
नदी नाले दूध के जो, पोथियों ...में बह गए
कट रही गाय आज, कमलों में झुण्ड-झुण्ड
गऊ प्रेम क्षेम सब,अंक मूँद सो गए
कैसे बने कोड अब, तीन सो दो दफा जैसा
नेता सरे संसद के, गूंगे बहरे हो गए
कृष्ण तू तो गोप था, गोपाल था, गोविन्द रहा
आज तेरे वंश के ही कंस जैसे हो गए
दूध, दही, घृत देय, जगत को पोसती है
मानव संवारती है, रूप धरे मैया का
गांव को ये अम्ब, स्वावलंब, उपहार देती
बैल पतवार होता, खेत रुपी नैया का
गोधन संपन्न कहा जाता, वही देश धन्य-धन्य
करें संम्मान आप, धेनु के चैरया का
देवता तैतीस कोटि,रोम में रमे ही रहे
कैसा प्यार पाया मेरे, कुंवर कन्हैया का
धोरी, लाल, घूमरी, सवत्स, कपिला के संग
कैसा प्यार पाया, मेरे कन्हैया बलभैया का
वही भूमि वही गाय, प्राण भय डकराय
आर्तनाद करे जैसे हाय-हाय, दैया का
संविधान मांही आप, धारा एक जोड़ दीजे
ख़ूनी जैसा हस्र होवे, गाय के कटैया का
छोड़ काम दोड़ पड़े , गाय की गुहार पर
भैया प्राण बचे तभी, गोविन्द की गैया काSee More
By: वन्दे गौमातरम..
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Share.: You, Jatin Sukhija, Madho Das and Natarajan Swaminathan like this..
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f.b.
Jan.16,2011.
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